Beautiful Moon Night जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से
ऊपर अगली मंजिल की ओर
तब शीशे में अपने आप को
खुद की नजर में गिरते हुए देखा ...
जिनको गलत समझ रहे थे उनमें सही को देखा
क्योंकि कागज के सिवा हमने और क्या देखा ?
जिसने ना रूप देखा ना धन देखा
ना देखी असलियत और ना मन देखा
उन आंखों में देखकर भी हमने इश्क क्यों नहीं देखा ?
जो आ रहा था नजर गलत
शायद वो भी सही हो
हमने गलत से पर्दा हटाकर कब देखा ?
तुम क्यों कहती हो ? वो हमारे पास नहीं
बताओ तुमने हमारा दिल खोलकर कब देखा ?
©gaTTubaba
#beautifulmoon जब पहुंच रहे थे तरक्की की लिफ्ट से ऊपर अगली मंजिल की ओर
तब शीशे में अपने आप को
खुद की नजर में गिरते हुए देखा ...
जिनको गलत समझ रहे थे उनमें सही को देखा
क्योंकि कागज के सिवा हमने और क्या देखा ?