पुस्तकें न होती तो कहां होता बुद्धि का विकास। | हिंदी कविता Video

"पुस्तकें न होती तो कहां होता बुद्धि का विकास। पुस्तकें न होती तो कौन जान पाता इतिहास पुस्तकें न होती तो अज्ञात रहते तुलसी,सूर,कबीर पुस्तकें न होती तो कौन बनाता विद्यार्थी की तकदीर। पुस्तकें न होती तो कौन पड़ता रामायण,गीता, पुस्तकें न होती तो मस्तिष्क सबका होता रीता। ©Kamlesh Kandpal "

पुस्तकें न होती तो कहां होता बुद्धि का विकास। पुस्तकें न होती तो कौन जान पाता इतिहास पुस्तकें न होती तो अज्ञात रहते तुलसी,सूर,कबीर पुस्तकें न होती तो कौन बनाता विद्यार्थी की तकदीर। पुस्तकें न होती तो कौन पड़ता रामायण,गीता, पुस्तकें न होती तो मस्तिष्क सबका होता रीता। ©Kamlesh Kandpal

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