तट पर बैठे बैठे तेरे हाथ कहाँ कुछ आएगा रत्न मिलेंग
"तट पर बैठे बैठे तेरे हाथ कहाँ कुछ आएगा
रत्न मिलेंगे तुझको जब सागर की तह में जाएगा
कुछ ना आया हाथ समझना डुबकी अभी अधुरी है
चाहे जितना भी हो मुश्किल पहला कदम ज़रुरी है"
तट पर बैठे बैठे तेरे हाथ कहाँ कुछ आएगा
रत्न मिलेंगे तुझको जब सागर की तह में जाएगा
कुछ ना आया हाथ समझना डुबकी अभी अधुरी है
चाहे जितना भी हो मुश्किल पहला कदम ज़रुरी है