रचना दिनांक,,,,१८,,,५,,,,२०२४ वार,,,,,, शनिवार समय | मराठी मोटिवेशनल

"रचना दिनांक,,,,१८,,,५,,,,२०२४ वार,,,,,, शनिवार समय घड़ी क्षण में सुबह,,, ,,,,पांच बजे,,, ््््््निजविचार ््््् छाया मार्तण्ड कर भुषणं त्वमं नमामि शनिश्चराय नमः,, देवादि देव समय घटी पल क्षण में परिवर्तित हो सुफल मनोरथ सिद्ध दायक गृह दायित्व नक्षत्र में हुआ है।। आपका छायाचित्र कि अचानक लफ्जो से भावना से मन से जन्मा विचार सच में ही आनंद दे रहे है जो कुछ भी है ,, मेरा गुरु गुरुवर्य आराध्यमं परंपरा के साथ कोई भी कारज प्रभु मूरत शं शनैश्चराय नमः ।। शैलेंद्र जोशी की राशि भाव में मम राशि कुंभ में डुबकी लगाई है,, आप और दीघार्यु आयुष्यमान कलाविद शब्द शिल्पी कलमकारों में प्रेम गान प्यार दर्शन करने वाले अच्छे हो आप मेरे मित्र राशि में गोचर से भावना से प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान में आकरगंगा दशहरा दशमी तिथि पन्द़ह जून उन्नीस सौ सितानवे में कन्या ््गंगादशमी पर मंगल भाव में निश्चल स्थित है ।। समय चक्र में स्थित एक भाव में निश्चल सी बात है,, जिन्दगी में भरोसा दिलाया सदा सुखी जीवन व्यतीत हे प्रभु मूरत देखी तिन शं शनैश्चराय नमः।। रविवासरे सुर्य नमस्कार है भद्रकाली कपालिनी नमामि शनिश्चराय ऐं ध्वनि मैं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः,, शिवाय ॐ नमः आनंद मूर्ति प्रेम भूषण प्रतिष्ठा ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन करते है।। आप और आपके सदविचार ज्ञान दर्शन में स्वत संज्ञान में लेते है ,, आप मेरे मित्र भाव भावना से काम प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान अतुल कुमार जैसे प्रवक्ता वाक्चातुर्य से जन्मा विचार सच है ।। मेरा पूरा जीवन ही जिंदगी में मानसिक हलचल और धन भाव अभाव में लेकिन सूखद परिणाम कुल घोषित न्याय पाओ,, लक्ष्मी जी प्रसन्न हो का न्यास एवं धर्मस्व सलाह देते शनिश्चराय नमः आपके अदभुत अनुकरणीय वन्दंनीय भाव चित्र में दिखाया गया।। जिसे हम सरस्वती और गंगा अवतरण और संगलक्ष्मी का सान्निध्य साधना साधक,, साधना में तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वरीय शक्ति वर्धक प्रतिक्रिया व्यक्त देते श्री शिवाय नमस्तुभय्मं में प्रेम और उदारता से जन्मा विचार सच है।। यही सही समय क्या है माजरा सत श्री काल भैरव तंत्र बगलामुखी साधना तपस्या खुद से चाल चरित्र से सजाया गया मां विंध्यवासिनी देवी भवानी सिंह वाहिनी शीतलेश्वरी देवीभ्यों नमः,, आपका प्यार करने वाले आपका स्वागत है तुम्हारा नवागत से भावना से मन प्रसन्न हो यही मेरा मार्गदर्शन करें यही अभिलाषा है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््् १८,,,५,,,,२०२४,,, ©Shailendra Anand"

 रचना दिनांक,,,,१८,,,५,,,,२०२४
वार,,,,,, शनिवार
समय घड़ी क्षण में सुबह,,, ,,,,पांच बजे,,,
््््््निजविचार ्््््
छाया मार्तण्ड कर भुषणं त्वमं नमामि शनिश्चराय नमः,,
देवादि देव समय घटी पल क्षण में परिवर्तित हो
सुफल मनोरथ सिद्ध दायक गृह दायित्व नक्षत्र में हुआ है।।
आपका छायाचित्र कि अचानक लफ्जो से भावना से मन से जन्मा विचार 
सच में ही आनंद दे रहे है जो कुछ भी है ,,
मेरा गुरु गुरुवर्य आराध्यमं परंपरा के साथ 
कोई भी कारज प्रभु मूरत शं शनैश्चराय नमः ।।
शैलेंद्र जोशी की राशि भाव में मम राशि कुंभ में डुबकी लगाई है,,
 आप और दीघार्यु आयुष्यमान कलाविद शब्द शिल्पी कलमकारों में
 प्रेम गान प्यार दर्शन करने वाले अच्छे हो 
आप मेरे मित्र राशि में गोचर से भावना से प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान में 
आकरगंगा दशहरा दशमी तिथि पन्द़ह जून उन्नीस सौ सितानवे में 
कन्या ््गंगादशमी पर मंगल भाव में निश्चल स्थित है ।। 
समय चक्र में स्थित एक भाव में निश्चल सी बात है,,
जिन्दगी में भरोसा दिलाया सदा सुखी जीवन व्यतीत हे 
प्रभु मूरत देखी तिन शं शनैश्चराय नमः।।
रविवासरे सुर्य नमस्कार है भद्रकाली कपालिनी नमामि शनिश्चराय ऐं ध्वनि मैं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः,,
 शिवाय ॐ नमः आनंद मूर्ति प्रेम भूषण प्रतिष्ठा ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन करते है।। 
आप और आपके सदविचार ज्ञान दर्शन में स्वत संज्ञान में लेते है ,,
आप मेरे मित्र भाव भावना से काम प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान 
अतुल कुमार जैसे प्रवक्ता वाक्चातुर्य से जन्मा विचार सच है ।।
मेरा पूरा जीवन ही जिंदगी में मानसिक हलचल और धन भाव अभाव में लेकिन सूखद परिणाम कुल घोषित न्याय पाओ,,
 लक्ष्मी जी प्रसन्न हो का न्यास एवं धर्मस्व सलाह देते शनिश्चराय नमः आपके अदभुत अनुकरणीय वन्दंनीय भाव चित्र में दिखाया गया।।
 जिसे हम सरस्वती और गंगा अवतरण और संगलक्ष्मी का सान्निध्य साधना साधक,, साधना में तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वरीय शक्ति वर्धक प्रतिक्रिया व्यक्त देते
श्री शिवाय नमस्तुभय्मं में प्रेम और उदारता से जन्मा विचार सच है।।
यही सही समय क्या है माजरा सत श्री काल भैरव तंत्र बगलामुखी साधना तपस्या खुद से चाल चरित्र से सजाया गया मां विंध्यवासिनी देवी भवानी सिंह वाहिनी शीतलेश्वरी देवीभ्यों नमः,,
आपका प्यार करने वाले आपका स्वागत है
 तुम्हारा नवागत से भावना से मन प्रसन्न हो 
यही मेरा मार्गदर्शन करें यही अभिलाषा है।। 
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््््
१८,,,५,,,,२०२४,,,

©Shailendra Anand

रचना दिनांक,,,,१८,,,५,,,,२०२४ वार,,,,,, शनिवार समय घड़ी क्षण में सुबह,,, ,,,,पांच बजे,,, ््््््निजविचार ््््् छाया मार्तण्ड कर भुषणं त्वमं नमामि शनिश्चराय नमः,, देवादि देव समय घटी पल क्षण में परिवर्तित हो सुफल मनोरथ सिद्ध दायक गृह दायित्व नक्षत्र में हुआ है।। आपका छायाचित्र कि अचानक लफ्जो से भावना से मन से जन्मा विचार सच में ही आनंद दे रहे है जो कुछ भी है ,, मेरा गुरु गुरुवर्य आराध्यमं परंपरा के साथ कोई भी कारज प्रभु मूरत शं शनैश्चराय नमः ।। शैलेंद्र जोशी की राशि भाव में मम राशि कुंभ में डुबकी लगाई है,, आप और दीघार्यु आयुष्यमान कलाविद शब्द शिल्पी कलमकारों में प्रेम गान प्यार दर्शन करने वाले अच्छे हो आप मेरे मित्र राशि में गोचर से भावना से प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान में आकरगंगा दशहरा दशमी तिथि पन्द़ह जून उन्नीस सौ सितानवे में कन्या ््गंगादशमी पर मंगल भाव में निश्चल स्थित है ।। समय चक्र में स्थित एक भाव में निश्चल सी बात है,, जिन्दगी में भरोसा दिलाया सदा सुखी जीवन व्यतीत हे प्रभु मूरत देखी तिन शं शनैश्चराय नमः।। रविवासरे सुर्य नमस्कार है भद्रकाली कपालिनी नमामि शनिश्चराय ऐं ध्वनि मैं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः,, शिवाय ॐ नमः आनंद मूर्ति प्रेम भूषण प्रतिष्ठा ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन करते है।। आप और आपके सदविचार ज्ञान दर्शन में स्वत संज्ञान में लेते है ,, आप मेरे मित्र भाव भावना से काम प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान अतुल कुमार जैसे प्रवक्ता वाक्चातुर्य से जन्मा विचार सच है ।। मेरा पूरा जीवन ही जिंदगी में मानसिक हलचल और धन भाव अभाव में लेकिन सूखद परिणाम कुल घोषित न्याय पाओ,, लक्ष्मी जी प्रसन्न हो का न्यास एवं धर्मस्व सलाह देते शनिश्चराय नमः आपके अदभुत अनुकरणीय वन्दंनीय भाव चित्र में दिखाया गया।। जिसे हम सरस्वती और गंगा अवतरण और संगलक्ष्मी का सान्निध्य साधना साधक,, साधना में तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वरीय शक्ति वर्धक प्रतिक्रिया व्यक्त देते श्री शिवाय नमस्तुभय्मं में प्रेम और उदारता से जन्मा विचार सच है।। यही सही समय क्या है माजरा सत श्री काल भैरव तंत्र बगलामुखी साधना तपस्या खुद से चाल चरित्र से सजाया गया मां विंध्यवासिनी देवी भवानी सिंह वाहिनी शीतलेश्वरी देवीभ्यों नमः,, आपका प्यार करने वाले आपका स्वागत है तुम्हारा नवागत से भावना से मन प्रसन्न हो यही मेरा मार्गदर्शन करें यही अभिलाषा है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््् १८,,,५,,,,२०२४,,, ©Shailendra Anand

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