ताक़त,तारीफ़,तकदीर,तन्हाई और तजुर्बे इन्हें तौलना | हिंदी कविता

"ताक़त,तारीफ़,तकदीर,तन्हाई और तजुर्बे इन्हें तौलना गुनाह है।। गम,गहराई,गफलत,गुनाह,और गुगें जुबान पर हंसना गुनाह है।। शर्म,शायराना,साज़िश,सजदा और सफर में भटके मुसाफिर पर उलाहना गुनाह है।। वैसे भगवान,ईश्वर,अल्लाह, ईश,ईशा और वाहे गुरु में अंतर करना गुनाह है।। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र"

 ताक़त,तारीफ़,तकदीर,तन्हाई और तजुर्बे इन्हें तौलना गुनाह है।।

गम,गहराई,गफलत,गुनाह,और गुगें जुबान पर हंसना गुनाह है।।

शर्म,शायराना,साज़िश,सजदा और सफर में भटके मुसाफिर पर उलाहना गुनाह है।।

वैसे भगवान,ईश्वर,अल्लाह, ईश,ईशा और वाहे गुरु में अंतर करना गुनाह है।।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र

ताक़त,तारीफ़,तकदीर,तन्हाई और तजुर्बे इन्हें तौलना गुनाह है।। गम,गहराई,गफलत,गुनाह,और गुगें जुबान पर हंसना गुनाह है।। शर्म,शायराना,साज़िश,सजदा और सफर में भटके मुसाफिर पर उलाहना गुनाह है।। वैसे भगवान,ईश्वर,अल्लाह, ईश,ईशा और वाहे गुरु में अंतर करना गुनाह है।। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र

गुनाह

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