ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे। वहीं यथार्थ के ध | हिंदी कविता Video

"ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे। वहीं यथार्थ के धरातल पर, मुक्ति पाने को है फड़फड़ा रहे। पर है अफ़सोस यही कि, उड़ान भरने से पहले ही, पंख हैं उनके कटवा रहे। रश्मि वत्स। ©Rashmi Vats "

ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे। वहीं यथार्थ के धरातल पर, मुक्ति पाने को है फड़फड़ा रहे। पर है अफ़सोस यही कि, उड़ान भरने से पहले ही, पंख हैं उनके कटवा रहे। रश्मि वत्स। ©Rashmi Vats

#नारी #उड़ान #मुक्ति #ख्वाब

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