टूट कर सब ख़्वाब आंखों के बिखर ही जाएँगें ! रूठ कर अब आपसे हम तो किधर ही जाएँगें !! 2122, 2122, 2122, 212 टूट कर सब ख़्वाब आंखों के बिखर ही जाएँगें, रूठ कर अब आपसे हम तो किधर ही जाएँगें, 2122, 2122, 2122, 212 ©® Pramod Kumar Arya Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto