"White मुझको मिलते हैं अदीब और कलाकार बहुत
लेकिन इंसान के दर्शन हैं मुहाल।
दर्द की एक तड़प -
हल्के-से दर्द की एक तड़प,
सच्ची तड़प
मैंने अगलों के यहाँ देखी है; -
या तो वह आज है ख़ामोश तबस्सुम में ज़लील
या वो है कफ़-आलूद;
या वो दहशत का पता देती है;
या हिरासां है;
या फिर इस दौर के ख़ाको-ख़ूँ में
गुमगश्ता है।
©@BeingAdilKhan"