White किसी के एक इशारे में किस को क्या न मिला बशर | हिंदी Life Video

"White किसी के एक इशारे में किस को क्या न मिला बशर को ज़ीस्त मिली मौत को बहाना मिला मज़ाक़-ए-तल्ख़-पसंदी न पूछ इस दिल का बग़ैर मर्ग जिसे ज़ीस्त का मज़ा न मिला दबी ज़बाँ से मिरा हाल चारासाज़ न कह बस अब तू ज़हर ही दे ज़हर में दवा न मिला ख़ुदा की देन नहीं ज़र्फ़-ए-ख़ल्क़ पर मौक़ूफ़ ये दिल भी क्या है जिसे दर्द का ख़ज़ाना मिला दुआ गदा-ए-असर है गदा पे तकिया न कर कि ए'तिमाद-ए-असर क्या मिला मिला न मिला ज़ुहूर-ए-जल्वा को है एक ज़िंदगी दरकार कोई अजल की तरह देर-आश्ना न मिला तलाश-ए-ख़िज़्र में हूँ रू-शनास-ए-ख़िज़्र नहीं मुझे ये दिल से गिला है कि रहनुमा न मिला निशान-ए-मेहर है हर ज़र्रा ज़र्फ़-ए-मेहर नहीं ख़ुदा कहाँ न मिला और कहीं ख़ुदा न मिला मिरी हयात है महरूम-ए-मुद्दा-ए-हयात वो रहगुज़र हूँ जिसे कोई नक़्श-ए-पा न मिला वो ना-मुराद-ए-अजल बज़्म-ए-यास में भी नहीं यहाँ भी 'फ़ानी'-ए-आवारा का पता न मिला ©Jashvant "

White किसी के एक इशारे में किस को क्या न मिला बशर को ज़ीस्त मिली मौत को बहाना मिला मज़ाक़-ए-तल्ख़-पसंदी न पूछ इस दिल का बग़ैर मर्ग जिसे ज़ीस्त का मज़ा न मिला दबी ज़बाँ से मिरा हाल चारासाज़ न कह बस अब तू ज़हर ही दे ज़हर में दवा न मिला ख़ुदा की देन नहीं ज़र्फ़-ए-ख़ल्क़ पर मौक़ूफ़ ये दिल भी क्या है जिसे दर्द का ख़ज़ाना मिला दुआ गदा-ए-असर है गदा पे तकिया न कर कि ए'तिमाद-ए-असर क्या मिला मिला न मिला ज़ुहूर-ए-जल्वा को है एक ज़िंदगी दरकार कोई अजल की तरह देर-आश्ना न मिला तलाश-ए-ख़िज़्र में हूँ रू-शनास-ए-ख़िज़्र नहीं मुझे ये दिल से गिला है कि रहनुमा न मिला निशान-ए-मेहर है हर ज़र्रा ज़र्फ़-ए-मेहर नहीं ख़ुदा कहाँ न मिला और कहीं ख़ुदा न मिला मिरी हयात है महरूम-ए-मुद्दा-ए-हयात वो रहगुज़र हूँ जिसे कोई नक़्श-ए-पा न मिला वो ना-मुराद-ए-अजल बज़्म-ए-यास में भी नहीं यहाँ भी 'फ़ानी'-ए-आवारा का पता न मिला ©Jashvant

Good Morning friends @Rajeev Verma @Brajraj Singh Dr.Mahira khan @Rajnish Kumar @Ravina jpr.

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