सुधरने के दौर में हम बदलते चले गए। कभी दूसरे के लि | हिंदी Shayari Vid

"सुधरने के दौर में हम बदलते चले गए। कभी दूसरे के लिए तो कभी किसी के कहने पर। अब ऐतराज है ज़िन्दगी से इश्क खुद से किया होता थो शायद वो तो तेरे साथ होती।। ©M@nsi Bisht "

सुधरने के दौर में हम बदलते चले गए। कभी दूसरे के लिए तो कभी किसी के कहने पर। अब ऐतराज है ज़िन्दगी से इश्क खुद से किया होता थो शायद वो तो तेरे साथ होती।। ©M@nsi Bisht

#Change

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