मुझे जीने दो' मुझे जीने दो, मुझे जीने दो रंग

"'मुझे जीने दो' मुझे जीने दो, मुझे जीने दो रंगो से भरी इस दुनिया के हर रंग से मुझे सवरने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, आँखो मे मेरे कुछ सपने हैं, हर सपने को मुझे सीने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, इस घर की चाहर दिवारी मे, जैसे किसी काल कोठारी मे, मुझे मत चकिया मे पिसने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, पहले तो माँ की कोख मे, फिर दुनिया के इस प्रकोप मे, तानो का मत कोई ताज दो मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, नहीं ज्यादा कुछ उम्मीद मेरी, नही ज्यादा कोई ख़्वाहिश है, हिस्से का मेरे सम्मान मिले, ना बिना बात का ज्ञान मिले, कुछ तो मुझे मन का करने दो, छोड़ो चलो बस मन ही रख लो, मेरी पसंद का कोई मोल नहीं, मेरी इच्छाओ के तोल कई, ख़्वाहिश पूरी कर लेने दो, मुझे बस खुल कर हँस लेने दो, उस आसमां से इस धरती तक, दहलीज से दूर अनन्तों तक, मुझे पंख पसार उड़ लेने दो, मुझे जीने दो, बस मुझे जीने दो... '$' ©Smita Singh "

 'मुझे जीने दो'    

मुझे जीने दो, मुझे जीने दो
रंगो से भरी इस दुनिया के हर रंग से मुझे सवरने दो, 
मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, 

आँखो मे मेरे कुछ सपने हैं, हर सपने को मुझे सीने दो, 
मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, 

इस घर की चाहर दिवारी मे, जैसे किसी काल कोठारी मे, 
मुझे मत चकिया मे पिसने दो, 
मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, 

पहले तो माँ की कोख मे, फिर दुनिया के इस प्रकोप मे, 
तानो का मत कोई ताज दो
मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, 

नहीं ज्यादा कुछ उम्मीद मेरी, नही ज्यादा कोई ख़्वाहिश है, 
हिस्से का मेरे सम्मान मिले, ना बिना बात का ज्ञान मिले, 

कुछ तो मुझे मन का करने दो, 
छोड़ो चलो बस मन ही रख लो, 

मेरी पसंद का कोई मोल नहीं, मेरी इच्छाओ के तोल कई, 
ख़्वाहिश पूरी कर लेने दो, मुझे बस खुल कर हँस लेने दो, 

उस आसमां से इस धरती तक, दहलीज से दूर अनन्तों तक, 
मुझे पंख पसार उड़ लेने दो, 

मुझे जीने दो, बस मुझे जीने दो... '$'

©Smita Singh

'मुझे जीने दो' मुझे जीने दो, मुझे जीने दो रंगो से भरी इस दुनिया के हर रंग से मुझे सवरने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, आँखो मे मेरे कुछ सपने हैं, हर सपने को मुझे सीने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, इस घर की चाहर दिवारी मे, जैसे किसी काल कोठारी मे, मुझे मत चकिया मे पिसने दो, मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, पहले तो माँ की कोख मे, फिर दुनिया के इस प्रकोप मे, तानो का मत कोई ताज दो मुझे जीने दो, मुझे जीने दो, नहीं ज्यादा कुछ उम्मीद मेरी, नही ज्यादा कोई ख़्वाहिश है, हिस्से का मेरे सम्मान मिले, ना बिना बात का ज्ञान मिले, कुछ तो मुझे मन का करने दो, छोड़ो चलो बस मन ही रख लो, मेरी पसंद का कोई मोल नहीं, मेरी इच्छाओ के तोल कई, ख़्वाहिश पूरी कर लेने दो, मुझे बस खुल कर हँस लेने दो, उस आसमां से इस धरती तक, दहलीज से दूर अनन्तों तक, मुझे पंख पसार उड़ लेने दो, मुझे जीने दो, बस मुझे जीने दो... '$' ©Smita Singh

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