यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब | हिंदी शायरी Video

"यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब तेल हैं कब्र - चिराग में । निशां वो ढूंढते है अब मेरे राख - ए-वजूद का , जो खाक होकर मिल गया तेरे शबाब में ।। [रवि]। "

यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब तेल हैं कब्र - चिराग में । निशां वो ढूंढते है अब मेरे राख - ए-वजूद का , जो खाक होकर मिल गया तेरे शबाब में ।। [रवि]।

तेरे शबाब में @heartlessrj1297 @Kirti Pandey #काव्यार्पण कवि संतोष बड़कुर

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