यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब | हिंदी शायरी Video
"यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब तेल हैं कब्र - चिराग में । निशां वो ढूंढते है अब मेरे राख - ए-वजूद का , जो खाक होकर मिल गया तेरे शबाब में ।। [रवि]।
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यकीं आया नही अहले वफा परबेक जमाने तक , वो डालते अब तेल हैं कब्र - चिराग में । निशां वो ढूंढते है अब मेरे राख - ए-वजूद का , जो खाक होकर मिल गया तेरे शबाब में ।। [रवि]।