White कुछ उपहार स्वरूप क्या दूँ,
कि प्रीत को सुख के गीत मिले।
एक गुलाब ही दे दो साहब!
मीत भी मिले और मुख भी खिले।।
पर गुलाब तो मुरझा जायेगा,
खुशबू भी बिखर जायेगी।
मुरझे गुलाब की लाली रहेगी,,
गंध मंद होगी,निकल नहीं पाएगी।
गुलाब के स्पर्श से रोम खिलेंगे,
रस तो क्या जहर भी पिले।
एक गुलाब ही दे दो साहब!
मीत भी मिले और मुख भी खिले।।
©Satish Kumar Meena
#flowers उपहार