निगाहें भर के वो देखें तो हम इकरार समझे थे लबों प | हिंदी शायरी Video

"निगाहें भर के वो देखें तो हम इकरार समझे थे लबों पर जो हँसी देखी तो हम इज़हार समझे थे। कहें किससे ये हाले दिल काअफ़साना हमारा था वो चुप्पी को हमारी माने तो इसरार समझे थे। वो दीवाने हमारे थे मुहब्बत का ये किस्सा था भरम होने हमें भी जो लगा दिलदार समझे थे। फ़रेबी ने गुनाहों का मुझे सिरमौर जो पाया ये ग़लती ही हमारी तो उसे हम यार समझे थे ज़माने में वफ़ा- ए -रस्म सा कुछ भी नहीं होता ये ही तो बस न जाने तुम्हें ग़मग़ुस्सार समझे थे। हरप्रीत कौर ©हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी "

निगाहें भर के वो देखें तो हम इकरार समझे थे लबों पर जो हँसी देखी तो हम इज़हार समझे थे। कहें किससे ये हाले दिल काअफ़साना हमारा था वो चुप्पी को हमारी माने तो इसरार समझे थे। वो दीवाने हमारे थे मुहब्बत का ये किस्सा था भरम होने हमें भी जो लगा दिलदार समझे थे। फ़रेबी ने गुनाहों का मुझे सिरमौर जो पाया ये ग़लती ही हमारी तो उसे हम यार समझे थे ज़माने में वफ़ा- ए -रस्म सा कुछ भी नहीं होता ये ही तो बस न जाने तुम्हें ग़मग़ुस्सार समझे थे। हरप्रीत कौर ©हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी

#Gulaab #इकरार

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