White पता नहीं क्या चल रहा है ज़िंदगी में मेरी | हिंदी कविता Video

"White पता नहीं क्या चल रहा है ज़िंदगी में मेरी आखिर कौन सा पड़ाव है ये मेरी ज़िन्दगी का खत्म नहीं होते कभी अंधेरे ज़िंदगी से मेरे लगता है जैसे कितनी ज़िंदगी में जी लिया आखिर क्यों इतना दर्द है मेरी ज़िन्दगी में मैंने कभी किसी के लिए कुछ बुरा नहीं किया तूने जो भी दिया मैंने कबूल किया हंसकर दिखावे का हंसना भी तो कसूर हो गया बता तो सही एक दफा मेरा कसूर क्या है। तू क्यों इतना मेरे लिए कठोर हो गया । क्यों बना कर पत्थर छोड़ दिया तूने मुझे। तेरे अलावा तो मेरा यहां कोई नहीं था । मेरी उदासी का कारण में खुद नहीं जानता ©Vickram "

White पता नहीं क्या चल रहा है ज़िंदगी में मेरी आखिर कौन सा पड़ाव है ये मेरी ज़िन्दगी का खत्म नहीं होते कभी अंधेरे ज़िंदगी से मेरे लगता है जैसे कितनी ज़िंदगी में जी लिया आखिर क्यों इतना दर्द है मेरी ज़िन्दगी में मैंने कभी किसी के लिए कुछ बुरा नहीं किया तूने जो भी दिया मैंने कबूल किया हंसकर दिखावे का हंसना भी तो कसूर हो गया बता तो सही एक दफा मेरा कसूर क्या है। तू क्यों इतना मेरे लिए कठोर हो गया । क्यों बना कर पत्थर छोड़ दिया तूने मुझे। तेरे अलावा तो मेरा यहां कोई नहीं था । मेरी उदासी का कारण में खुद नहीं जानता ©Vickram

#Night आखिर मेरा कसूर क्या है

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