दरख़्त नही दिखते अब तो सफर में कही, धूप से उकताए ह | हिंदी Shayari

"दरख़्त नही दिखते अब तो सफर में कही, धूप से उकताए हुए हे अपना आंचल फहरा दो... ©Bhawna Vaishnav"

 दरख़्त नही दिखते अब तो सफर में कही,
धूप से उकताए हुए हे अपना आंचल फहरा दो...

©Bhawna Vaishnav

दरख़्त नही दिखते अब तो सफर में कही, धूप से उकताए हुए हे अपना आंचल फहरा दो... ©Bhawna Vaishnav

दरख़्त नही दिखते अब तो सफर में कही,
धूप से उकताए हुए हे अपना आंचल फहरा दो...

#Sun #love #Life

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