अब हमें पेड़ लगाना होगा,
सोई जमीं को जगाना होगा।
धूप- छाव का खेल ,
पेड़ लगा के बताना होगा।
करना है श्रृंगार धरा का,
पौधो को पानी पिलाना होगा।
सूरत बदलनी गांव शहर की ,
पेड़ - पौधा लगाने होगा।
गर रहना खुदको जिंदा,
पेड़ों को जगाना होगा।
यूं ही तुम लगा रहे पेड़,
औरों को भी बताना होगा।
अगर कोई काट रहा पेड़,
आपको अब समझाना होगा।
©दिलीप कुमार
अब हमें पेड़ लगाना होगा,
सोई जमीं को जगाना होगा।
धूप- छाव का खेल ,
पेड़ लगा के बताना होगा।
करना है श्रृंगार धरा का,
पौधो को पानी पिलाना होगा।
सूरत बदलनी गांव शहर की ,
पेड़ - पौधा लगाने होगा।