इन्हीं सर्दियों से शुरू हुआ था सिलसिला न जाने कब | हिंदी Shayari

"इन्हीं सर्दियों से शुरू हुआ था सिलसिला न जाने कब खत्म होगा यह सिलसिला वह भी देखती थी मैं भी देखता था ऐसे ही चलता रहा यह सिलसिला"

 इन्हीं सर्दियों से शुरू हुआ था सिलसिला
 न जाने कब खत्म होगा यह सिलसिला
 वह भी देखती थी मैं भी देखता था
 ऐसे ही चलता रहा यह सिलसिला

इन्हीं सर्दियों से शुरू हुआ था सिलसिला न जाने कब खत्म होगा यह सिलसिला वह भी देखती थी मैं भी देखता था ऐसे ही चलता रहा यह सिलसिला

#mohabbat

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