बचपन और पहला दोस्त ऐ खुदा अपनी अदालत मे मेरी ज़मान | हिंदी शायरी

"बचपन और पहला दोस्त ऐ खुदा अपनी अदालत मे मेरी ज़मानत रखना मैं रहूँ या ना रहूँ मेरे दोस्तो को सलामत रखना ! ©Suhailbijnor"

 बचपन और पहला दोस्त ऐ खुदा अपनी अदालत मे मेरी ज़मानत रखना
मैं रहूँ या ना रहूँ मेरे दोस्तो को सलामत रखना !

©Suhailbijnor

बचपन और पहला दोस्त ऐ खुदा अपनी अदालत मे मेरी ज़मानत रखना मैं रहूँ या ना रहूँ मेरे दोस्तो को सलामत रखना ! ©Suhailbijnor

#BachpanAurPehlaDost

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