यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा
कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा
हर पल गुजरता सदियों के जैसा नाम ले ले कर के तुम्हारा
जब तक ना देखें तस्वीर तेरी कहीं भी लगता ना अब दिल हमारा
तेरी गली से हम जब भी गुजरें आंखों से बरसे अंसुओं धारा
इतना यकीं तुम हमारा भी कर लो तुम्हारे सिवा नही कोई अपना सहारा
नाम ले ले के जी लें तन्हा उमर भर जो श्याम तू ना हुआ हमारा
के लिखने लगा जबसे तेरी कृपा को "पंडित" की जीवन में मेरे हुआ उजाला
जब टूट कर मैं बिखर रहा था तेरे नाम मुझको संभाला
दुनियां में तेरी चर्चा करूं मैं , मुझे भव सागर से तूने निकाला
तू ही संभाले उसको सांवरे जिसने भी दिल(श्रद्धा) से तुझको पुकारा
अब तो बचा ले ओह खाटू वाले तेरे सिवा नहीं कोई हमारा
संभलने लगा हूं मैं दर पे तेरे आकर
वरना मैं फिर रहा था दर बदर मारा मारा
ज़माने को मैं बस इतना कहूंगा मुझे बेबसी से तूने निकाला
इस दुनियां में ऐसा कोई नही है जिसको मुसीबत से ना तूने निकाला
तेरी कृपा से ये धरती थमी है ये अंबर भी है श्याम तूने संभाला
"पंडित"को आरजू बस तेरी है तेरे बिना ना मेरा होगा गुज़ारा
हारा हूं श्याम मैं अब तुम मुझको संभालो हारे श्याम तुम ही हो सहारा।
#गोपाल_पंडित
©Gopal Pandit
#Janamashtmi2020 यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा
कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा
हर पल गुजरता सदियों के जैसा नाम ले ले कर के तुम्हारा
जब तक ना देखें तस्वीर तेरी कहीं भी लगता ना अब दिल हमारा
तेरी गली से हम जब भी गुजरें आंखों से बरसे अंसुओं धारा
इतना यकीं तुम हमारा भी कर लो तुम्हारे सिवा नही कोई अपना सहारा
नाम ले ले के जी लें तन्हा उमर भर जो श्याम तू ना हुआ हमारा
के लिखने लगा जबसे तेरी कृपा को "पंडित" की जीवन में मेरे हुआ उजाला