हक़ीक़त हैं यही अब तो ये अब सपना नही लगता, तुम्हारे | हिंदी Poetry

"हक़ीक़त हैं यही अब तो ये अब सपना नही लगता, तुम्हारे बिन शहर में अब कोई अपना नही लगता !!"

 हक़ीक़त हैं यही अब तो ये अब सपना नही लगता,
तुम्हारे बिन शहर में अब कोई अपना नही लगता !!

हक़ीक़त हैं यही अब तो ये अब सपना नही लगता, तुम्हारे बिन शहर में अब कोई अपना नही लगता !!

#Nojoto.

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