सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है तेरी यादों | हिंदी Poetry Vide

"सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है तेरी यादों को भी अब हमसे भुलाया ना जाता है, कहता तो रहता हूँ खुदसे की फर्क नहीं पड़ता अब, लेकिन साथ बिताया हर लम्हा रह रहकर याद आता है, सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है , पत्थर भी बनाये रखूँ दिल को पर शाम होते ही पिघल जाता है, मुझसे जुदा हो चुकी हो तुम जानता हूँ मैं, पर ये मौसम-ए-बरसात तेरे होने का एहसास करा जाता है, सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है। ©Prabhat Thakur "

सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है तेरी यादों को भी अब हमसे भुलाया ना जाता है, कहता तो रहता हूँ खुदसे की फर्क नहीं पड़ता अब, लेकिन साथ बिताया हर लम्हा रह रहकर याद आता है, सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है , पत्थर भी बनाये रखूँ दिल को पर शाम होते ही पिघल जाता है, मुझसे जुदा हो चुकी हो तुम जानता हूँ मैं, पर ये मौसम-ए-बरसात तेरे होने का एहसास करा जाता है, सुकून पाना भी चाहूँ तो मिल कहाँ पाता है। ©Prabhat Thakur

#AloneInCity #lonely 💔😔

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