White देश की अर्थव्यवस्था के रीढ़ है मजदूर अगर वह | हिंदी कविता

"White देश की अर्थव्यवस्था के रीढ़ है मजदूर अगर वह ना हो तो हो जाएंगे सब मजबूर, सरकार ने मजदूरी मुकम्मल तय कर रखी है, आज याद करते उन्हें हम उनका हक उन्हें मिले जरूर, काम के नशे में जो हर वक्त रहते हैं चुर ,वैश्विक पटल पर आज यह दिन मनाई जाती आज उन्हें भी है अपने काम का गुरुर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏 ©अनुराग अचल"

 White देश की अर्थव्यवस्था के रीढ़ है मजदूर 
अगर वह ना हो तो हो जाएंगे सब मजबूर, सरकार ने मजदूरी मुकम्मल तय कर रखी है, आज याद करते उन्हें हम उनका हक उन्हें मिले जरूर, काम के नशे में जो हर वक्त रहते हैं चुर ,वैश्विक पटल पर आज यह दिन मनाई जाती आज उन्हें भी है अपने काम का गुरुर
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
🙏🙏🙏🙏

©अनुराग अचल

White देश की अर्थव्यवस्था के रीढ़ है मजदूर अगर वह ना हो तो हो जाएंगे सब मजबूर, सरकार ने मजदूरी मुकम्मल तय कर रखी है, आज याद करते उन्हें हम उनका हक उन्हें मिले जरूर, काम के नशे में जो हर वक्त रहते हैं चुर ,वैश्विक पटल पर आज यह दिन मनाई जाती आज उन्हें भी है अपने काम का गुरुर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏 ©अनुराग अचल

#safar

People who shared love close

More like this

Trending Topic