White सूर्य की लालिमा उगता सूरज ,ढलता सूरज प्रात | हिंदी Poetry Video

"White सूर्य की लालिमा उगता सूरज ,ढलता सूरज प्रातः काल की बेला,गोधूलि अब नजर आती है कहां... घेर लिया ऊंची ऊंची इमारतों ने इंसानों को , वृक्षों से झांकती सूर्य की लाली, ओझल हो गई है जाने कहां... छत खो गई हैं शहरों में, चंद्रमा की शीतलता आनंद लेते थे जहां... पेड़ो कै काट कर ,खूले मैदानों में, खड़ी हो गई हैं लंबी-लंबी बिल्डिंग यहां, रात बदल गई कृत्रिम रोशनी में, घड़ी के अलार्म से, दिन होता है यहां खिलखिलाती सुबह,सुहावनी शाम गुम हो गई जानें कहां ,जाने कहां... ©Bindu Sharma "

White सूर्य की लालिमा उगता सूरज ,ढलता सूरज प्रातः काल की बेला,गोधूलि अब नजर आती है कहां... घेर लिया ऊंची ऊंची इमारतों ने इंसानों को , वृक्षों से झांकती सूर्य की लाली, ओझल हो गई है जाने कहां... छत खो गई हैं शहरों में, चंद्रमा की शीतलता आनंद लेते थे जहां... पेड़ो कै काट कर ,खूले मैदानों में, खड़ी हो गई हैं लंबी-लंबी बिल्डिंग यहां, रात बदल गई कृत्रिम रोशनी में, घड़ी के अलार्म से, दिन होता है यहां खिलखिलाती सुबह,सुहावनी शाम गुम हो गई जानें कहां ,जाने कहां... ©Bindu Sharma

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