मेरी आँख से आँसू की गिरी बूँदे मुझसे बहते बहते यह | हिंदी कविता

"मेरी आँख से आँसू की गिरी बूँदे मुझसे बहते बहते यह कह गयीं कि तुम अहम हो मेरे लिये तुमने याद किया तो झर पड़े ये तुमने महसूस किया तो साँसों में गहरापन बनकर बिखर गये ये चुप हो जाना कभी कभी ऐसे आवाज़ बनकर बरसता है । ©Astha gangwar ©"

 मेरी आँख से आँसू की गिरी बूँदे 
मुझसे बहते बहते यह कह गयीं
कि तुम अहम हो मेरे लिये 
तुमने याद किया 
तो झर पड़े ये 
तुमने महसूस किया 
तो साँसों में गहरापन बनकर 
बिखर गये ये 
चुप हो जाना कभी कभी 
ऐसे आवाज़ बनकर बरसता है ।

©Astha gangwar ©

मेरी आँख से आँसू की गिरी बूँदे मुझसे बहते बहते यह कह गयीं कि तुम अहम हो मेरे लिये तुमने याद किया तो झर पड़े ये तुमने महसूस किया तो साँसों में गहरापन बनकर बिखर गये ये चुप हो जाना कभी कभी ऐसे आवाज़ बनकर बरसता है । ©Astha gangwar ©

#sagarkinare

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