भाव बिना बाजार में तू मिले, न मोल बिना भाव हरी कैस | हिंदी Poetry

"भाव बिना बाजार में तू मिले, न मोल बिना भाव हरी कैसे मिले, जो है अनमोल। अनमोल जगत में।। ©Heer"

 भाव बिना बाजार में तू मिले,
न मोल बिना भाव हरी कैसे मिले,
जो है अनमोल। अनमोल जगत में।।

©Heer

भाव बिना बाजार में तू मिले, न मोल बिना भाव हरी कैसे मिले, जो है अनमोल। अनमोल जगत में।। ©Heer

हरी कैसे मिले!

People who shared love close

More like this

Trending Topic