*तुम वो हो* तुम वो हो मेरे लिए जिसके बिना में भीड | हिंदी कविता

"*तुम वो हो* तुम वो हो मेरे लिए जिसके बिना में भीड़ में भी तन्हा हो जाऊ,, तुम वो हो मेरे लिए जिसकी याद से में खुद भूल जाऊ। तुम वो हो मेरे लिए जिसके आने से मेरे दिन त्योहार बन जाए,, तुम वो हो जिनकी खुशी से मेरे दिन आंनद से भरपूर बन जाए। तुम मेरे जीवन में चीनी की तरह घुल गए हो , तुम मेरे जीवन को इत्र कि तरह महका दिए हो। तुम वो हो जो तुमको मालूम नहीं , अब तुम बिन जीवन तो है पर प्राण नहीं।।"

 *तुम वो हो*

तुम वो हो मेरे लिए जिसके बिना में भीड़ में भी तन्हा हो जाऊ,,
तुम वो हो मेरे लिए जिसकी याद से में खुद भूल जाऊ।

तुम वो हो मेरे लिए जिसके आने से मेरे दिन त्योहार बन जाए,,
तुम वो हो जिनकी खुशी से मेरे दिन आंनद से भरपूर बन जाए।

तुम मेरे जीवन में चीनी की तरह घुल गए हो ,
तुम मेरे जीवन को इत्र कि तरह महका दिए हो।

तुम वो हो जो तुमको मालूम नहीं ,
अब तुम बिन जीवन तो है पर प्राण नहीं।।

*तुम वो हो* तुम वो हो मेरे लिए जिसके बिना में भीड़ में भी तन्हा हो जाऊ,, तुम वो हो मेरे लिए जिसकी याद से में खुद भूल जाऊ। तुम वो हो मेरे लिए जिसके आने से मेरे दिन त्योहार बन जाए,, तुम वो हो जिनकी खुशी से मेरे दिन आंनद से भरपूर बन जाए। तुम मेरे जीवन में चीनी की तरह घुल गए हो , तुम मेरे जीवन को इत्र कि तरह महका दिए हो। तुम वो हो जो तुमको मालूम नहीं , अब तुम बिन जीवन तो है पर प्राण नहीं।।

#तुम वो हो#भीड़#तन्हा#याद

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