White जब कभी हम अपने ही वेदना में अपने अक्षु तक | हिंदी विचार

"White जब कभी हम अपने ही वेदना में अपने अक्षु तक को व्यक्त नहीं कर पाते तो ये आसमान के बादल बारिश की बूंदे बनकर हम पर गिरते हैं लेकिन कमबख्त ये जमाना उसे भी किच-किच कहता है.... ©vidushi MISHRA"

 White जब कभी हम अपने ही वेदना में 
अपने  अक्षु  तक को व्यक्त 
नहीं कर पाते तो
 ये आसमान के बादल बारिश 
की बूंदे बनकर हम पर गिरते हैं 
लेकिन 
कमबख्त ये जमाना उसे भी
 किच-किच कहता है....

©vidushi MISHRA

White जब कभी हम अपने ही वेदना में अपने अक्षु तक को व्यक्त नहीं कर पाते तो ये आसमान के बादल बारिश की बूंदे बनकर हम पर गिरते हैं लेकिन कमबख्त ये जमाना उसे भी किच-किच कहता है.... ©vidushi MISHRA

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