चौपाई
राम राम कहि जे जमुहाही।तिन्हही न पाप पुंज समुहाही
*साध संगत जी प्यार से कहिए"धन निरंकार जी"*गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज श्री रामचरितमानस में फरमाते हैं की राम-राम कहते हुए जो व्यक्ति जम्हाई लेता है उनके समस्त पापों का समूह नष्ट हो जाता है
प्यार से कहिए
धन निरंकार जी
©Kesh Karan nishad
##राम नाम की महिमा ##