White पल्लव की डायरी
छेड़ छाड़ प्रकृति से करके
नतीजे कैसे भयाभय आ रहे है
तपन सूरज की ऐसी बढ़ी
झुलस कर लोग तड़पने पर आ रहे है
ना बची कही छाँव ना पेड़ नजर आ रहे है
सपाट सब कुछ कर
विकास के झूठे गीत गा रहे है
नाज था कूलर एयरकंडीशनर पर
सब दम तोड़कर
सूरज की तपन से परस्त नजर आ रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#rajdhani_night सूरज की तपन से परस्त नजर आ रहे है
#nojotohindi