नारी प्रेम की धार उससे ही संसार शक्ति आधार। लोक | हिंदी कविता Video

"नारी प्रेम की धार उससे ही संसार शक्ति आधार। लोक जननी समझो न दयनीय है पूजनीय। रूप अनेक माँ, भगिनी, श्री सुता प्रिय वनिता। ©Godambari Negi "

नारी प्रेम की धार उससे ही संसार शक्ति आधार। लोक जननी समझो न दयनीय है पूजनीय। रूप अनेक माँ, भगिनी, श्री सुता प्रिय वनिता। ©Godambari Negi

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