White डर लगता है।
हँसी से खुशी से और वफाई से डर लगता है।
मुझे तो मोहब्बत में बेवफाई से डर लगता है।
दिल के हर कमरे में सजी है तुम्हारी तस्वीर!
दिल को, कमरों की तन्हाई से डर लगता है।
तेरे बिना जीने की कोशिश करता हूँ हर दिन!
टूटे हुए अरमानों की रुसवाई से डर लगता है।
तुम्हारा साथ मिलता तो ज़िन्दगी संवर जाती!
अब इस ज़िन्दगी की ऊंचाई से डर लगता है।
पूरे वादें से तो ज़िन्दगी सवारी जा सकती है!
मगर अधूरे वादों की सच्चाई से डर लगता है।
तेरे बिना हर ख़ुशी में एक कमी सी है, मुझमें!
इसलिए मुझे हर खुशहाली से डर लगता है।
तेरे ख्यालों में ख्वाबों में गुजरते हैं दिन रात मेरे!
पर अब इन यादों की गहराई से डर लगता है।
हँसी से खुशी से और वफाई से डर लगता है।
मुझे तो मोहब्बत में बेवफाई से डर लगता है।
©महज़
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