:- खासकर ये पोएट्री छोटी मोटी नौकरी करके अपना घर चलाने वाले गरीब भाईयों के लिए है >>>
जिंदगी हमारी अखबार हो गई
आज चली कल बेकार हो गई
महंगाई के इस दौर मे देखो
कितनी सस्ती पगार हो गई
कही अच्छी नौकरी मिल जाये
बस यहीं एक दरकार हो गई
वक़्त पर तनख्वाह आती नहीं
आधी दुनियां कर्जदार हो गई
इस हाथ लिया उस हाथ दिया
रिश्तेदारी भी लेनदार हो गई
4 बिलों मे 5 हजार किराना मे दिए
फिर भी सब्जिया उधार हो गई
बड़ी मुश्किल से ख़रीदे थे कपड़े
ऊपर से माँ बीमार हो गई
किसको पता था ऐसा भी होगा
खुद्दारी हमारी लाचार हो गई
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