इन परिंदो को रिहा करू तो कोहराम हो जाए, दर्द ए दिल | हिंदी शायरी

"इन परिंदो को रिहा करू तो कोहराम हो जाए, दर्द ए दिल से जुड़े है, मगर जेहन में कैद है, हवा जो हुए अगर ,तो चर्चा ए इश्क में नीलाम हो जाए ।।"

 इन परिंदो को रिहा करू तो कोहराम हो जाए,
दर्द ए दिल से जुड़े है, मगर जेहन में कैद है,
हवा जो हुए अगर ,तो चर्चा ए इश्क में नीलाम हो जाए ।।

इन परिंदो को रिहा करू तो कोहराम हो जाए, दर्द ए दिल से जुड़े है, मगर जेहन में कैद है, हवा जो हुए अगर ,तो चर्चा ए इश्क में नीलाम हो जाए ।।

#इश्क #शायरी

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