तेरे ख़याल मेरे लबों की तिश्नगी से मिलते हैं, पढ़ते | हिंदी Shayari

"तेरे ख़याल मेरे लबों की तिश्नगी से मिलते हैं, पढ़ते हैं क़सीदे जो किसी अजनबी से मिलते हैं #DPF #POETRY #SHER #SHAYARI"

 तेरे ख़याल मेरे लबों की तिश्नगी से मिलते हैं, पढ़ते हैं क़सीदे जो किसी अजनबी से मिलते हैं #DPF #POETRY #SHER #SHAYARI

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तेरे ख़याल मेरे लबों की तिश्नगी से मिलते हैं, पढ़ते हैं क़सीदे जो किसी अजनबी से मिलते हैं #dpf #sher

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