मेरी पसंदीदा शायरी उजला सा जो चाँद पे पैग़ाम लिख | English शायरी

"मेरी पसंदीदा शायरी उजला सा जो चाँद पे पैग़ाम लिखा है क्या तूने ही चौक से मेरा नाम लिखा है तारों की शक्ल में , नुक़्ते लगे हैं पिछली रातों के, मैं तेरी लिखावट जानता हूँ क्या ख़ूब हुनर है मानता हूँ। *राजेश मंथन* फ़िल्म- बस एक तमन्ना (2011) ©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist"

 मेरी पसंदीदा शायरी

उजला सा  जो चाँद  पे पैग़ाम लिखा है
क्या तूने ही  चौक से मेरा नाम लिखा है
तारों की शक्ल में ,
नुक़्ते लगे हैं पिछली रातों के,

मैं  तेरी लिखावट जानता हूँ
क्या ख़ूब हुनर है मानता हूँ।
 
*राजेश मंथन*

फ़िल्म- बस एक तमन्ना (2011)

©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist

मेरी पसंदीदा शायरी उजला सा जो चाँद पे पैग़ाम लिखा है क्या तूने ही चौक से मेरा नाम लिखा है तारों की शक्ल में , नुक़्ते लगे हैं पिछली रातों के, मैं तेरी लिखावट जानता हूँ क्या ख़ूब हुनर है मानता हूँ। *राजेश मंथन* फ़िल्म- बस एक तमन्ना (2011) ©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist

मंथन की शायरी #शायरी #शायर #नोजोटो #राजेशमंथन #गीत

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