ना मैं कोई धर्म ग्रन्थ छूने से आहत होता हूँ। ना म | हिंदी विचार

"ना मैं कोई धर्म ग्रन्थ छूने से आहत होता हूँ। ना मन्दिर-मस्जिद तोड़ने पर आहत होता हूँ। मैं नास्तिक हूँ बस मेरा कसूर इतना है जब स्कूल-कॉलेज बन्द है तो मैं आहत होता हूँ। ©Ashok Nanda"

 ना मैं कोई धर्म ग्रन्थ छूने 
से आहत होता हूँ।
ना मन्दिर-मस्जिद तोड़ने 
पर आहत होता हूँ।
मैं नास्तिक हूँ
बस मेरा कसूर इतना है
जब स्कूल-कॉलेज बन्द है 
तो मैं आहत होता हूँ।

©Ashok Nanda

ना मैं कोई धर्म ग्रन्थ छूने से आहत होता हूँ। ना मन्दिर-मस्जिद तोड़ने पर आहत होता हूँ। मैं नास्तिक हूँ बस मेरा कसूर इतना है जब स्कूल-कॉलेज बन्द है तो मैं आहत होता हूँ। ©Ashok Nanda

मैं नास्तिक हूँ...

#nastik_thought

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