छोड़कर सारे शहर वाले कंक्रीट के महल अब अपने गांव आ | हिंदी कविता

"छोड़कर सारे शहर वाले कंक्रीट के महल अब अपने गांव आने की कोशिश में हैं सब निकल पड़े थे जो इस पावन धरा को छोड़कर मौत सामने दिखी तो वापस वतन लौटने की गर्दिश में हैं पाश्चात्य सभ्यता के अनुकरण में थे इतने रमे हुए याद ही नहीं रहा कि सारा हल तो हमारी परवरिश में है वर्षों से चीख कर बताते रहे कि वेदों की ओर लौटो वो समझते रहे कि हम उन्हें धर्म समझाने की साज़िश में हैं हमारे संस्कार और रिवाज दकियानूसी बिन वैज्ञानिकता के हैं कहते रहे देखो अब तो सारी दुनिया करने लगी नमस्ते है अब कहां गए कहने वाले गर्व है कि विश्व गुरु थे हैं और रहेंगे जाने भी दो बात हमारी अपनी तो पूरी वसुधा ही कुटुंब है ये तुम नहीं समझने वाले आओ हम सब मिलकर दिखलाए इस दुनिया को विपदा आती जब समक्ष हम एकजुट डट कर हैं लड़ने वाले"

 छोड़कर सारे शहर वाले कंक्रीट के महल
अब अपने गांव आने की कोशिश में हैं

सब निकल पड़े थे जो इस पावन धरा को छोड़कर
मौत सामने दिखी तो वापस वतन लौटने की गर्दिश में हैं

पाश्चात्य सभ्यता के अनुकरण में थे इतने रमे हुए
याद ही नहीं रहा कि सारा हल तो हमारी परवरिश में है

वर्षों से चीख कर बताते रहे कि वेदों की ओर लौटो
वो समझते रहे कि हम उन्हें धर्म समझाने की साज़िश में हैं

हमारे संस्कार और रिवाज दकियानूसी बिन वैज्ञानिकता के हैं कहते रहे
देखो अब तो सारी दुनिया करने लगी नमस्ते है अब कहां गए कहने वाले

गर्व है कि विश्व गुरु थे हैं और रहेंगे  जाने भी दो बात हमारी
अपनी तो पूरी वसुधा ही कुटुंब है ये तुम नहीं समझने वाले

आओ हम सब मिलकर दिखलाए इस दुनिया को
विपदा आती जब समक्ष  हम एकजुट डट कर हैं लड़ने वाले

छोड़कर सारे शहर वाले कंक्रीट के महल अब अपने गांव आने की कोशिश में हैं सब निकल पड़े थे जो इस पावन धरा को छोड़कर मौत सामने दिखी तो वापस वतन लौटने की गर्दिश में हैं पाश्चात्य सभ्यता के अनुकरण में थे इतने रमे हुए याद ही नहीं रहा कि सारा हल तो हमारी परवरिश में है वर्षों से चीख कर बताते रहे कि वेदों की ओर लौटो वो समझते रहे कि हम उन्हें धर्म समझाने की साज़िश में हैं हमारे संस्कार और रिवाज दकियानूसी बिन वैज्ञानिकता के हैं कहते रहे देखो अब तो सारी दुनिया करने लगी नमस्ते है अब कहां गए कहने वाले गर्व है कि विश्व गुरु थे हैं और रहेंगे जाने भी दो बात हमारी अपनी तो पूरी वसुधा ही कुटुंब है ये तुम नहीं समझने वाले आओ हम सब मिलकर दिखलाए इस दुनिया को विपदा आती जब समक्ष हम एकजुट डट कर हैं लड़ने वाले

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