अब इन हवाओं का भी भरोसा नही रहा, ये कहती थी मुझे, | हिंदी Shayari

"अब इन हवाओं का भी भरोसा नही रहा, ये कहती थी मुझे,,,हम तेरे साथ ही बहेंगे, हर उस दिशा में जिधर तू जाएगा मगर,,,ये भी अब रुक रुक के आती है, उसकी यादों की तरह...! @athingofmind ©Durga Prasad Singh"

 अब इन हवाओं का भी भरोसा नही रहा, 
ये कहती थी मुझे,,,हम तेरे साथ ही बहेंगे, हर उस दिशा में
जिधर तू जाएगा
मगर,,,ये भी अब रुक रुक के आती है, उसकी यादों की तरह...! 

@athingofmind

©Durga Prasad Singh

अब इन हवाओं का भी भरोसा नही रहा, ये कहती थी मुझे,,,हम तेरे साथ ही बहेंगे, हर उस दिशा में जिधर तू जाएगा मगर,,,ये भी अब रुक रुक के आती है, उसकी यादों की तरह...! @athingofmind ©Durga Prasad Singh

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