भाव जगा कुछ अंतर्मन में, विचारों की झंकार बज रही | हिंदी Poetry Video

"भाव जगा कुछ अंतर्मन में,
विचारों की झंकार बज रही है;
रस, छंद, अलंकार से,
अक्षरमाला सज रही है।

शब्दों की कल्पना,
कविता रूप में जच रही है;
पर हम कविता को रच रहे हैं,

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