White पल्लव की डायरी
परिंदो के ठिकाने और घोसले
रोड और विकास लील गया
छाया और सुस्ताने की जगह नही
बेचारो का दाना गायब हो गया
लुप्पत हो गयी कई प्रजातियां
मानव इनका दुश्मन बन गया
अट्टालिका पर बैठे पक्षियों का आगमन होता
तालमेल मानव से होता था
अब सिर्फ खम्बे टावर पर सुस्ताते है
धूप बरसात की भेंट चढ़कर
अपनी जान रोज गवाते है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Hope छाया और सुस्ताने की जगह नही
#nojotohindi