ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें, आजमाइश क | हिंदी Shayari

"ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें, आजमाइश की हदों को... आजमाना चाहिए।"

 ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें,
आजमाइश की हदों को... आजमाना चाहिए।

ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें, आजमाइश की हदों को... आजमाना चाहिए।

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