कभी आरती का होता था गुंजन अब शिला भर है। दूब उग आ | हिंदी कविता Video

"कभी आरती का होता था गुंजन अब शिला भर है। दूब उग आई हैं इनमें अब कई जगह अब यह कई प्राणियों का घर है। ©Kamlesh Kandpal "

कभी आरती का होता था गुंजन अब शिला भर है। दूब उग आई हैं इनमें अब कई जगह अब यह कई प्राणियों का घर है। ©Kamlesh Kandpal

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