यहाँ दरकार शैतानी हमारी अलग रख दो समझदारी हम

"यहाँ दरकार शैतानी हमारी अलग रख दो समझदारी हमारी कभी‌ हमको अलग होना पड़े तो गुलिस्ताँ ‌ तेरे‌ ‌‌‌ वीरानी हमारी - वशिष्ठ"

 यहाँ   दरकार   शैतानी  हमारी
अलग  रख दो समझदारी हमारी

कभी‌ हमको अलग  होना पड़े तो
गुलिस्ताँ ‌  तेरे‌ ‌‌‌  वीरानी   हमारी

- वशिष्ठ

यहाँ दरकार शैतानी हमारी अलग रख दो समझदारी हमारी कभी‌ हमको अलग होना पड़े तो गुलिस्ताँ ‌ तेरे‌ ‌‌‌ वीरानी हमारी - वशिष्ठ

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