मै सोया तो वो चिल्लाया
मै जागा तो फिर चिल्लाया
मै निकला मंदिर को
वो बकरा काट के आया
मै बेल पत्र और फूल चढाऊं
वो मांस फेक कर आता
मै पूजूं अपने ईष्ट देव को
वो थूक वहाँ पर आता
मै खेत में जाकर अन्न उगाता
वो बकरी वहाँ चराता
मै जाता स्कूल को पढने
वो नये टीले कहीं बनाता
मै बांटता मीठा सबको
पास जब हो जाता
वो बिन पढे हुए न जाने
नई चादर हरी चढाता
मै जाता बाहर पढने को
डिग्री लेकर आता
वो अनपढ भी जाने कैसे
पर बम गोला संग लाता
मै आकर घर बार कि सोचूं
कुछ पैसे कहीं बचाता
वो चादर को उंगली करके
अपनी जमी बनाता
मै कहता हम सब की बात
वो बस एक बताता
नहीं मानता कहीं किसी को
आस्तीनों मे घुस जाता
मै अब समझूं खुद को मेहमां
वो घर घर घुसजाता
मै बंधा स्वयं धर्म नीति से
तलवार उठा नहीं पाता
वो काट रहा मानो बकरे सा
मै मरता और मर जाता
वो और मै जब सब एक है
मै वो क्यो नहीं बन जाता
द्रढ संकल्प दिया गुरू ने मेरे
बस इसीलिए सब सह जाता
#Sadharanmanushya
©#maxicandragon
मै सोया तो वो चिल्लाया
मै जागा तो फिर चिल्लाया
मै निकला मंदिर को
वो बकरा काट के आया
मै बेल पत्र और फूल चढाऊं
वो मांस फेक कर आता
मै पूजूं अपने ईष्ट देव को
वो थूक वहाँ पर आता