"//;बुराई पर अच्छाई की जीत //
असत्य, अधर्म की राह चलने वाले
बुद्धि विवेक खो देते हैं
हर युग में अगर रावण है तो वहाँ
राम भी अवतरित होते हैं।
जीत तो यहाँ सदा से ही होती आई है
असत्य पर सत्य की
अच्छाई के उजास से बुराई के अंँधेरे
खुद ब खुद ख़त्म हो जाते हैं।
परम शिव भक्त वेदों के ज्ञानी
रावण की भी यही है कहानी
माता सीता का हरण कर
घोर पाप कर बैठा वो अभिमानी।
मति हो गई भ्रष्ट दशानन की
स्वयं काल का किया आह्वान,
बुराई सदा अंत की ओर ले जाती है
समझ सका न वो अज्ञानी।
श्रीराम के वाण से जब घायल हुआ रावण
तब एहसास हुआ उसे सत्य है कितना पावन
जधन्य अपराध हुआ है मुझसे प्रभु
माता का अपमान किया व्यर्थ है मेरा जीवन।
अंत हो गया रावण रूपी बुराई का
प्रकाश फैला हर दिशा में अच्छाई का
अधर्म मिटा, हुई धर्म की स्थापना
श्री राम रूप है इस जहांँ में सच्चाई का।
©Mili Saha
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