* मां ' और ' सास ' में अंतर कुछ नहीं रोते हुए संसा

"* मां ' और ' सास ' में अंतर कुछ नहीं रोते हुए संसार में आई , तब " मां ने गोद में उठाया रोते हुए ससुराल गई , तब " सास " ने गले से लगाय " मां ने " जीवन " " दिया तो ... " सास " ने " जीवन साथी दिया .. ! * मां ने " चलना - बैठना * सिखाया तो ... * सास " ने समाज में उठना - बैठना सिखाया . ! * मां ने घर के काम * सिखाए तो ... * सास ने घर चलाना * सिखाया . ! * मां ने कोमल कली * की तरह संभाला तो ... " सास ने विशाल वृक्ष ** जैसा बनाया . ! * " मां " ने " सुख में जीना * सिखलाया तो ... * सास ने " दुख में भी जीना सिखलाया . ! * मां .. ' ईश्वर ' के समान है तो ... " सास ' .. ' गुरु ' के समान है ..। " नमन दोनों मां को ©Mr Hari ram Solanki"

 * मां ' और ' सास ' में अंतर कुछ नहीं रोते हुए संसार में आई , तब " मां ने गोद में उठाया रोते हुए ससुराल गई , तब " सास " ने गले से लगाय " मां ने " जीवन " " दिया तो ... " सास " ने " जीवन साथी दिया .. ! * मां ने " चलना - बैठना * सिखाया तो ... * सास " ने समाज में उठना - बैठना सिखाया . ! * मां ने घर के काम * सिखाए तो ... * सास ने घर चलाना * सिखाया . ! * मां ने कोमल कली * की तरह संभाला तो ... " सास ने विशाल वृक्ष ** जैसा बनाया . ! * " मां " ने " सुख में जीना * सिखलाया तो ... * सास ने " दुख में भी जीना सिखलाया . ! * मां .. ' ईश्वर ' के समान है तो ... " सास ' .. ' गुरु ' के समान है ..। " नमन दोनों मां को

©Mr Hari ram Solanki

* मां ' और ' सास ' में अंतर कुछ नहीं रोते हुए संसार में आई , तब " मां ने गोद में उठाया रोते हुए ससुराल गई , तब " सास " ने गले से लगाय " मां ने " जीवन " " दिया तो ... " सास " ने " जीवन साथी दिया .. ! * मां ने " चलना - बैठना * सिखाया तो ... * सास " ने समाज में उठना - बैठना सिखाया . ! * मां ने घर के काम * सिखाए तो ... * सास ने घर चलाना * सिखाया . ! * मां ने कोमल कली * की तरह संभाला तो ... " सास ने विशाल वृक्ष ** जैसा बनाया . ! * " मां " ने " सुख में जीना * सिखलाया तो ... * सास ने " दुख में भी जीना सिखलाया . ! * मां .. ' ईश्वर ' के समान है तो ... " सास ' .. ' गुरु ' के समान है ..। " नमन दोनों मां को ©Mr Hari ram Solanki

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