बरसों बाद बहुत खुश दिखा , आज एक कलंदर अंदर से। बं | हिंदी Shayari Vide

"बरसों बाद बहुत खुश दिखा , आज एक कलंदर अंदर से। बंजर हो चुकी ज़मीं पर, फूल जो खिल आये हैं सुंदर से। बोला अब कोई भी शिकवा, नहीं रहा अपने मुकद्दर से। अविरल बहती प्रेम - नदी, जो मिल बैठी जाकर समंदर से। ©दर्शन ठाकुर "

बरसों बाद बहुत खुश दिखा , आज एक कलंदर अंदर से। बंजर हो चुकी ज़मीं पर, फूल जो खिल आये हैं सुंदर से। बोला अब कोई भी शिकवा, नहीं रहा अपने मुकद्दर से। अविरल बहती प्रेम - नदी, जो मिल बैठी जाकर समंदर से। ©दर्शन ठाकुर

#Hindi

People who shared love close

More like this

Trending Topic