कलाकार
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कलाकार को बाँधा नहीं जा सकता वह, आज़ाद है मैं कला का हूँ और जो कला का है मैं, उसका हूँ
कला किसी कलाकार की मोहताज नहीं मैं कला से जुड़ा हूँ मगर उसका गुलाम नहीं, सेवक हूँ
कला ख़ुदा की नायाब नेमत है, कला की क़द्र करता हूँ कला में दक्ष हो, कला को निखारना ही कला की पूजा है
मनीष राज
©Manish Raaj
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