White मंजिल
मंजिल की डगर आसान नहीं
कांटे ज्यादा फूल कम खिलेंगे
मंजिल ने बेगैरत कर दिया
तो हर मौसम पतझड़ मिलेंगे
मंजिल वाकिफ नहीं तेरी तन्हाइयों से
हम शतरंज के प्यादे तो नहीं
जो खेल समझकर खेलेंगे
मंजिल की डगर में
ख्वाब मीठे हकीकत कड़वे लगेंगे
रजा रही तो मंजिल पाकर मिलेंगे
वरना उल्फत में जान कुर्बान करेंगे.....
©NISHA DHURVEY
#flowers #manzil